Tumhaare Saath
by apoorvmat
इस चांदनी सी धूप में
एक-आध घड़ी चुरानी है
तुम्हारे साथ
द पाइप के किसी छोटे से चौक में बैठ
चाय की चुस्की लेनी है
तुम्हारे साथ
सर्फटी पार्क की उस पुरानी बेंच पर
जिस पर गेस्टापो भी बैठे हों कभी शायद
कुछ मीठी बातें करनी हैं
तुम्हारे साथ
इस गर्मी का
(अगर इक्कीस डिग्री को गर्मी कहें)
आख़री वीकेंड है
फिर बारिश और सर्दी निभानी हैं
तुम्हारे साथ
उस अँधेरी ठिठुरन में
क्रिसमस के बेतुके इंतज़ार में
कुछ चीज़ें डिसकस करनी हैं
तुम्हारे साथ